ये हवा ये फ़िज़ा मिले न मिले ये जन्नत ये जहाँ मिले न मिले, ज़िन्दगी जीने में कसर मत छोड़ ये हवा ये फ़िज़ा मिले न मिले ये जन्नत ये जहाँ मिले न मिले, ज़िन्दगी जीने में...
ये लंगोटधारी ये लंगोटधारी
इस कविता मे प्रेमी अपने आखिरी पलों में प्रेमिका को दिलासा दे रहा है... इस कविता मे प्रेमी अपने आखिरी पलों में प्रेमिका को दिलासा दे रहा है...
लूट गया सब कुछ यूं खड़ा खड़ा बूंद बूंद वो गिर पड़ा.. लूट गया सब कुछ यूं खड़ा खड़ा बूंद बूंद वो गिर पड़ा..
गर्मी की तपन न ठंड की कंपन, मन प्रफुल्लित जो करे बाग देख हरी-भरे गर्मी की तपन न ठंड की कंपन, मन प्रफुल्लित जो करे बाग देख हरी-भरे
ये पत्ते, हरे पत्ते देखते हैं जमीं पर गिरे पीले पत्ते ये पत्ते, हरे पत्ते देखते हैं जमीं पर गिरे पीले पत्ते